पीठ पीछे धोखा शायरी, विश्वास, झूठ और मतलबी रिश्ते शायरी दो लाइन।

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कभी सोचा था कि अपना ही खून कभी पराया लगेगा?
कभी सोचा था कि जिन हाथों को पकड़कर तूने दुनिया से लड़ा, वही हाथ तुझे बीच रास्ते में छोड़ देंगे?
जिंदगी में सबसे गहरी चोट तब लगती है, जब वार किसी गैर से नहीं बल्कि अपने से मिले।
ऐसा धोखा, जो भरोसे को चकनाचूर कर दे और दिल में बस एक ही सवाल छोड़ जाए—
“क्या सच में अपने ही अपने होते हैं?”

कभी-कभी ज़िंदगी में सबसे बड़ा दर्द वही लोग दे जाते हैं, जिन पर हमने सबसे ज़्यादा भरोसा किया होता है। सोचो, एक इंसान अपने परिवार पर, अपने करीबी रिश्तों पर आँख मूँद कर यक़ीन करता है। हर मुश्किल में उनका साथ देता है, हर खुशी उनके साथ बाँटता है। लेकिन एक दिन जब सच सामने आता है कि उसी परिवार ने पीठ पीछे धोखा दिया, तो दिल की गहराइयों तक चोट पहुँचती है। ऐसा लगता है जैसे ज़िंदगी की सबसे मजबूत नींव ही हिल गई हो।

यहीं से वो एहसास निकलता है, जो शायरी की शक्ल में दिल की बात कह देता है। आज के इस पोस्ट मे पीठ पीछे धोखा , विश्वास पर धोखा और परिवार से धोखा शायरी शेयर किया है ।


पीठ पीछे धोखा शायरी, विश्वास, झूठ और  मतलबी रिश्ते शायरी दो लाइन।

🔥 पीठ पीछे धोखा शायरी – Best Collection

चेहरे पर दोस्ती,
दिल में अदावत,
पीठ पीछे धोखा —
यही है रिश्तों की हकीकत।

हमने जिसको अपना कहा,
उसने ही पीठ पीछे वार किया,
दुश्मन से नहीं दुखा इतना,
जितना अपनों के धोखे ने मार दिया।

दोस्ती के नाम पर रक़्स किया,
पीठ पीछे वार कर फ़क्र किया,
मिलकर भी जो अपने न बने,
उनसे बड़ा ग़ैर कौन हुआ?

पीठ पीछे धोखा शायरी, विश्वास, झूठ और  मतलबी रिश्ते शायरी दो लाइन।

मुँह पर मिठास,
पीठ पीछे साज़िश,
ऐसे लोग ही सबसे खतरनाक होते हैं।

धोखा वही देता है,
जो सबसे क़रीब हो,
वरना अजनबी को हमारी कीमत कहाँ मालूम?

हम तो दुश्मनों से भी वफ़ा निभा लेते,
लेकिन अपनों के धोखे ने हमें तोड़ डाला।

पीठ पीछे छुरा घोंपना आसान है,
सामने आकर वार करने की हिम्मत नहीं सबमें।

जिसे हमने सबसे ज्यादा चाहा,
उसी ने सबसे बड़ा धोखा दिया।

ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सबक यही है,
कि हर हँसता चेहरा अपना नहीं होता।

दोस्त बनकर धोखा देने वाले,
दुश्मनों से भी बदतर निकलते हैं।

हमने सोचा अपना है,
उसने साबित कर दिया —
अपनों से बड़ा कोई ग़ैर नहीं।

भरोसा जब टूटता है,
तो आवाज़ बाहर नहीं आती,
लेकिन इंसान अंदर से बिखर जाता है।

धोखा देने वाले भूल जाते हैं,
कि हिसाब-किताब ऊपर वाला भी रखता है।

सामने मुस्कान,
पीठ पीछे ज़हर —
यही आज के रिश्तों की सच्चाई है।

    हमने चाहा उन्हें टूट कर,
    उन्होंने तोड़ दिया हमें झूठ कर।

    दोस्ती का नाम लेकर,
    वफ़ा का दिखावा कर,
    धोखा देना आसान है —
    पर इंसानियत वहीं हार जाती है।

    हम तो सब्र कर जाते हैं,
    लेकिन तक़लीफ़ ये सोचकर होती है —
    अपनों ने ही हमें पराया कर दिया।

    पीठ पीछे धोखा शायरी, विश्वास, झूठ और  मतलबी रिश्ते शायरी दो लाइन।

    पीठ पीछे वार करने वाले सोचते हैं कि जीत गए,
    पर असलियत ये है कि वो अपनी इंसानियत हार गए।

    धोखा तो एक शिकवा है,
    लेकिन उससे भी बड़ा सबक है।

    हमारे अपने ही जब दुश्मन बन गए,
    तो गैरों से शिकायत कैसी?


    भाई 🙏 “परिवार से धोखा” का दर्द सबसे गहरा होता है।
    यहाँ मैं तेरे लिए अपने लिखे हुए 20 Best परिवार से धोखा शायरी दे रहा हूँ — जिनमें दिल का दर्द और हकीकत दोनों झलके।


    💔 परिवार से धोखा शायरी

    जिससे उम्मीद सबसे ज़्यादा होती है,
    धोखा भी अक्सर वहीं से मिलता है।

    ग़ैरों से तो बस तकलीफ़ मिलती है,
    परिवार से धोखा — इंसान को अंदर से मार देता है।

    घर की दीवारें तभी ढहती हैं,
    जब अपने ही दीवार में दरार डालते हैं।

    परिवार का सहारा ही सबसे बड़ा होता है,
    लेकिन धोखा मिल जाए तो इंसान अकेला हो जाता है।

    रिश्तों की जड़ें बाहर से नहीं,
    घर के अंदर से ही खोखली होती हैं।

    हमने सोचा परिवार है तो सब ठीक है,
    परिवार ने ही धोखा दे दिया तो किससे शिकवा करें?

    साथ निभाने का वादा अपनों ने ही तोड़ा,
    ग़ैरों का क्या कसूर — दर्द तो घरवालों ने ही दिया।

    पीठ पीछे वार गैर नहीं करते,
    ये काम तो अक्सर अपने ही कर जाते हैं।

    परिवार का धोखा ऐसा ज़हर है,
    जो धीरे-धीरे इंसान को जीते-जी खत्म कर देता है।

    जिस घर से रोशनी की उम्मीद थी,
    उसी घर ने अंधेरों में धकेल दिया।

      अपनों के धोखे से गुज़रने के बाद ही,
      ग़ैरों की बेरुख़ी मामूली लगती है।

      ख़ून के रिश्ते भी आजकल नकली लगते हैं,
      जब परिवार ही विश्वासघात करने लगे।

      पीठ पीछे धोखा शायरी, विश्वास, झूठ और  मतलबी रिश्ते शायरी दो लाइन।

      परिवार के धोखे ने इतना सिखा दिया,
      कि अब किसी पर भरोसा करने से पहले हज़ार बार सोचते हैं।

      ग़ैरों से मिले धोखे का ग़म कम हो जाता है,
      परिवार से मिला धोखा कभी नहीं भूलता।

      दिल तोड़ने की ताक़त अपनों में ही होती है,
      ग़ैर तो सिर्फ़ चोट पहुँचा सकते हैं।

      हमने जिन पर सबसे ज्यादा भरोसा किया,
      उन्होंने ही हमारी पीठ में खंजर घोंपा।

      परिवार का धोखा इंसान को खामोश बना देता है,
      फिर कोई भी आवाज़ दिल तक नहीं पहुँचती।

      किस्मत से ज़्यादा तकलीफ़
      तो परिवार के धोखे ने दी।

      ग़ैरों की नफ़रत से कम दर्द होता है,
      अपने ही जब बेवफ़ा निकलते हैं।

      परिवार के धोखे का ग़म इतना गहरा है,
      कि ज़िन्दगी भर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है।


      ❤️ “विश्वास पर धोखा” का दर्द सबसे कड़वा होता है।
      मैंने अपनी कलम से 20 बेहतरीन शायरियाँ लिखी हैं


      💔 विश्वास पर धोखा शायरी

      भरोसा जिस पर सबसे ज़्यादा किया,
      धोखा भी उसी ने सबसे बड़ा दिया।

      भरोसा टूटा तो आवाज़ नहीं आई,
      लेकिन दिल की दुनिया बिखर गई।

      जिसे दिल का कोना सौंपा,
      उसी ने खंजर पीठ में घोंपा।

      विश्वास तो काँच जैसा होता है,
      एक बार टूटे तो कभी जुड़ता नहीं।

      धोखा खा कर सीखा हमने,
      कि भरोसा हर किसी पर नहीं करना चाहिए।

      जिसे अपनी दुआओं में मांगा,
      उसने ही धोखे का ज़हर पिला दिया।

      भरोसा करना गुनाह नहीं,
      पर धोखा देने वाला सबसे बड़ा गुनहगार है।

      दिल से निभाया हमने रिश्ता,
      लेकिन विश्वास का क़त्ल कर दिया उन्होंने।

      जिसे सच समझा,
      वो झूठ का सबसे बड़ा सौदागर निकला।

      विश्वास जब टूटता है,
      तो इंसान जीते जी मर जाता है।

      कभी सोचा भी न था,
      कि अपनों से भी धोखा मिल सकता है।

      भरोसे का रिश्ता सबसे मज़बूत होता है,
      और टूटे तो सबसे दर्दनाक।

      धोखा देने वाले को भूल सकते हैं,
      लेकिन टूटा हुआ विश्वास कभी नहीं।

      जिसे आत्मा तक अपना माना,
      उसने ही धोखे की चादर ओढ़ ली।

      विश्वास के साथ खिलवाड़ करने वाला,
      रिश्तों का हत्यारा होता है।

      धोखा मिला तो ग़म नहीं,
      ग़म तो इस बात का है कि भरोसा गलत जगह किया।

      भरोसा इंसानियत की पहचान है,
      और धोखा उसका अपमान।

      जिसे सच्चाई समझा,
      वो धोखे की सबसे बड़ी तस्वीर निकला।

      दिल दे सकते हैं, जान दे सकते हैं,
      लेकिन टूटा हुआ विश्वास वापस नहीं ला सकते।

      धोखे से बड़ी कोई सज़ा नहीं,
      और विश्वास से बड़ा कोई ईनाम नहीं।


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      Gayathri

      इन्हें बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, मूवीज़ और रिलेशनशिप्स जैसे विषयों पर लिखना बहुत पसंद है। इन्होंने B.Tech और MBA किया है, और इनके लेख aachi वेबसाइट,और मैगज़ीन जैसी बड़ी और प्रसिद्ध वेबसाइट्स पर छप चुके हैं।
      इन्हें लेखन का 6 साल का अनुभव है और ये अपने गहराई से किए गए शोध और आसान भाषा में लिखे गए लेखों के लिए जानी जाती हैं। इनके लेख पढ़कर पाठक जटिल विषयों को भी आसानी से समझ पाते हैं।

      अभी ये एक फ़्रीलांस लेखक के तौर पर काम कर रही हैं और ब्लॉग, वेबसाइट कंटेंट, और आर्टिकल्स लिखती हैं। इनके लेख हमेशा जानकारी से भरपूर और पढ़ने में दिलचस्प होते हैं।

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