UPI New Rules 2025: क्या 3,000 रुपये से अधिक के डिजिटल पेमेंट पर लगेगा शुल्क? जानिए केंद्र सरकार की योजना

यह शुल्क आम उपभोक्ताओं पर नहीं, बल्कि व्यापारियों पर लागू होगा।

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UPI New Rules 2025 : भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली की रीढ़ बन चुकी UPI (Unified Payments Interface) अब एक नए बदलाव की ओर बढ़ रही है। केंद्र सरकार 3,000 रुपये से अधिक के UPI भुगतान पर व्यापारी शुल्क (MDR – Merchant Discount Rate) लगाने की योजना पर विचार कर रही है। हालांकि, यह शुल्क आम उपभोक्ताओं पर नहीं, बल्कि व्यापारियों पर लागू होगा।

UPI New Rules 2025

🔍 क्या है योजना?

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार बैंकों और फिनटेक कंपनियों की लागतों की भरपाई के लिए यह बदलाव ला सकती है। इस प्रस्तावित नीति के अंतर्गत, ₹3,000 से अधिक के UPI लेन-देन पर MDR शुल्क वसूला जाएगा, जो व्यापारी द्वारा वहन किया जाएगा। यह निर्णय 1-2 महीनों के भीतर लिया जा सकता है


🏦 बैंक क्यों हैं चिंतित?

बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं ने सरकार के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है कि बड़े UPI ट्रांजैक्शन की प्रोसेसिंग लागत लगातार बढ़ रही है।
वर्तमान में लागू “जीरो एमडीआर नीति” (जनवरी 2020 से) के कारण व्यापारी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। इसके चलते सरकार को बैंकों और फिनटेक कंपनियों को सब्सिडी देनी पड़ती है।


📊 प्रस्ताव क्या कहता है?

Payments Council of India (PCI) ने सुझाव दिया है कि:

  • ₹3,000 से अधिक के लेन-देन पर 0.3% तक MDR शुल्क लगाया जाए (सिर्फ बड़े व्यापारियों पर)।
  • छोटे दुकानदार और सामान्य ग्राहक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • तुलना करें तो, क्रेडिट/डेबिट कार्ड पर MDR 0.9% से 2% तक होता है।

🤔 क्या आम लोगों पर असर पड़ेगा?

नहीं।
सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि UPI उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं वसूले जाएंगे। नया MDR शुल्क केवल व्यापारियों पर लागू होगा, और इसका उद्देश्य है:

  • डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग की लागत की भरपाई
  • सरकारी सब्सिडी पर निर्भरता कम करना
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को अधिक टिकाऊ बनाना

💳 क्या Rupay और अन्य कार्ड पर भी शुल्क लगेगा?

फिलहाल Rupay कार्ड पर MDR शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है। यह बदलाव विशेष रूप से UPI लेनदेन के लिए विचाराधीन है, खासकर अधिक मूल्य के लेनदेन पर।


🗓️ आगे क्या?

  • केंद्र सरकार NPCI, बैंक, फिनटेक कंपनियों और अन्य हितधारकों से परामर्श कर रही है।
  • निर्णय की घोषणा अगले एक या दो महीनों में की जा सकती है।
  • यह कदम भारत की डिजिटल भुगतान नीति में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

📝 निष्कर्ष

अगर आप रोज़मर्रा के खर्चों के लिए UPI का उपयोग करते हैं — जैसे कि सब्ज़ी, किराना, या पेट्रोल — तो फिलहाल आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यह प्रस्ताव केवल उच्च मूल्य के लेन-देन और व्यापारियों के लिए है। फिर भी, जैसे ही नीति लागू होगी, बड़े व्यापारियों को कीमतों में मामूली बदलाव करना पड़ सकता है।


📢 आप क्या सोचते हैं इस बदलाव के बारे में? क्या इससे डिजिटल भुगतान को झटका लगेगा या सिस्टम अधिक टिकाऊ होगा? अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताएं।

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Gayathri

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