शारीरिक संबंध की जिद, रस्सी से मर्डर और पंचायत में कबूलनामाः गुना में खुला खौफनाक राज

मध्य प्रदेश के गुना जिले के बंजारी बर्री गांव से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने पंचायत के बीच खड़े होकर कबूल किया कि उसने ही अपने पति की हत्या की है। मृतक कैलाश बंजारा की मौत पहले बीमारी बताई गई थी, लेकिन गले पर रस्सी के निशान मिलने से शक गहराया। गांव वालों ने पंचायत बुलाई और तालिबानी अंदाज़ में महिला से सवाल-जवाब किए। दबाव में उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। जांच में पता चला कि पति के बीमार होने के बावजूद शारीरिक संबंध बनाने की जिद पर झगड़ा हुआ और गुस्से में पत्नी ने रस्सी से गला घोंट दिया। इस पूरे मामले में उसके प्रेमी प्रदीप भार्गव की भूमिका भी सामने आई, जिसने दवाइयां उपलब्ध कराईं और बाद में सबूत मिटाने में मदद की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना पंचायत न्याय, महिला सुरक्षा और घरेलू हिंसा पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है।

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मध्य प्रदेश के गुना जिले के बंजारी बर्री गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने पंचायत के सामने खड़े होकर यह कबूल किया कि उसने ही अपने पति की हत्या की है। इस पूरे मामले में अवैध संबंधों, घरेलू झगड़े और पंचायत के तालिबानी अंदाज़ ने सबको हैरान कर दिया है।


कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?

21 अगस्त को कैलाश बंजारा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसकी पत्नी संपो देवी ने रो-पीटकर पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया और गांव वालों ने भी उसकी बात मान ली। कैलाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

लेकिन जब ग्रामीणों ने कैलाश के गले पर रस्सी जैसे निशान देखे, तो शक गहराता चला गया। गांव वालों ने पंचायत बुलाई और महिला को सैकड़ों लोगों के बीच खड़ा कर दिया। वहां उससे बार-बार पूछा गया – क्या तुमने अपने पति की हत्या की है?

भीड़ के दबाव में संपो देवी ने कबूल किया – हाँ, मैंने ही अपने पति को मारा है।


हत्या की असली वजह

पुलिस जांच में सामने आया कि कैलाश बीमार था। इसके बावजूद वह शारीरिक संबंध बनाने की जिद करता था। इस पर झगड़ा बढ़ा और गुस्से में आकर संपो देवी ने रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

इतना ही नहीं, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि संपो देवी का गांव के ही प्रदीप भार्गव नाम के शख्स से अवैध संबंध था। दोनों की फोन कॉल डिटेल्स में सैकड़ों बार बातचीत पाई गई। हत्या से पहले महिला ने प्रदीप से दवाइयां भी मंगाई थीं।


पंचायत में तालिबानी अंदाज़

गांव की पंचायत में जो हुआ, उसने अलग ही सवाल खड़े कर दिए। सैकड़ों मर्दों के बीच अकेली महिला को बैठाकर उससे कबूलनामा करवाना किसी तालिबानी अंदाज़ से कम नहीं था। वहां कोई दूसरी महिला मौजूद नहीं थी। पंचायत ने बिना कानूनी प्रक्रिया के ही महिला से गुनाह स्वीकार कराया और फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने संपो देवी और प्रदीप भार्गव दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि कैलाश की मौत गला घोंटने से हुई।
  • प्रदीप हत्या के वक्त मौजूद नहीं था, लेकिन उस पर सबूत मिटाने और महिला को उकसाने का आरोप है।
  • संपो देवी ने कबूल किया कि झगड़े और घरेलू कलह की वजह से उसने पति को मार डाला।

समाज और कानून पर सवाल

यह मामला सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि कई बड़े सवाल छोड़ गया हैः

  1. पंचायत बनाम कानून – क्या किसी पंचायत को ये अधिकार है कि वह अपराधी ठहराकर कबूलनामा करवाए?
  2. महिला सुरक्षा – सैकड़ों पुरुषों के बीच अकेली महिला से पूछताछ करना सामाजिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोण से गलत है।
  3. घरेलू हिंसा और अवैध संबंध – मामला यह भी दिखाता है कि घरेलू तनाव और विवाहेतर संबंध कैसे खतरनाक रूप ले सकते हैं।

निष्कर्ष

गुना का यह केस बताता है कि गांव की पंचायतें आज भी कई बार कानून से ऊपर खुद को मान बैठती हैं। लेकिन असली न्याय अदालत और पुलिस ही कर सकती है। एक तरफ पत्नी द्वारा पति की हत्या और अवैध संबंधों का सच सामने आया, तो दूसरी तरफ पंचायत की तालिबानी कार्यवाही ने महिला सुरक्षा और न्याय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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Scrap Business
Raj Kumar

राजकुमार एक अनुभवी क्राइम रिपोर्टर और मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं। इन्होंने B.Tech, MA in Criminology और MBA (Marketing) की पढ़ाई की है। क्राइम रिपोर्टिंग में 3.5 साल और मार्केटिंग फील्ड में 5 साल का अनुभव इन्हें खास बनाता है। अपराध से जुड़ी खबरों की गहराई से पड़ताल करना और सही जानकारी लोगों तक पहुँचाना इनका पैशन है।

राजकुमार अब SarkariHindiStatus.in की टीम का हिस्सा हैं, जहाँ वे अपने अनुभव और समझ का इस्तेमाल करके क्राइम से जुड़ी ताज़ा और सटीक खबरें साझा कर रहे हैं। इन्हें ग्राउंड रिपोर्टिंग और इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज़्म में खास रुचि है। इनके काम में निष्पक्षता और ईमानदारी सबसे अहम रही है।

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