भीषण सड़क हादसा – 32 यात्रियों के जिंदा जलने की आशंका
आंध्र प्रदेश में शुक्रवार तड़के एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। हैदराबाद-बेंगलुरु नेशनल हाईवे पर कावेरी ट्रैवल्स की एक वोल्वो बस कुरनूल जिले के चिन्ना टेकुरु गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, बस एक तेज रफ्तार बाइक से टकराई, जिससे बस में अचानक आग लग गई।
देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। शुरुआती रिपोर्ट्स में कम से कम 32 यात्रियों के जिंदा जलने की आशंका जताई गई है। जबकि 12 लोग किसी तरह बाहर निकलने में सफल हुए।

चीख-पुकार और लपटों में घिरी बस
हादसा रात 3:30 बजे के करीब हुआ, जब बस हैदराबाद से बेंगलुरु की ओर जा रही थी। उस समय अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे।
टक्कर के बाद बाइक बस के नीचे फंस गई और कुछ ही सेकंड में बस के ईंधन टैंक में आग भड़क उठी। कुछ चंद मिनटों में ही आग ने बस को पूरी तरह घेर लिया। बाहर से स्थानीय लोगों ने शोर मचाया, लेकिन बस के दरवाजे और खिड़कियां जाम हो जाने से यात्री अंदर ही फंस गए। जो यात्री सतर्क थे या पीछे बैठे थे, वे खिड़की तोड़कर किसी तरह बाहर निकल सके।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के दौरान बस के अंदर से चीखें सुनाई दे रही थीं, पर आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी नजदीक नहीं जा सका।
राहत और बचाव अभियान
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा। आग बुझाने में करीब दो घंटे लगे, तब तक बस पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी।
कुरनूल के जिला अधिकारी और फायर ब्रिगेड टीम ने बताया कि पहचान योग्य शवों की संख्या बहुत कम है। DNA जांच के जरिए मृतकों की पहचान की जाएगी।
फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी ने बताया,
“बस में लगी आग इतनी तेज थी कि यात्रियों को बचाने का मौका ही नहीं मिला। जो लोग पीछे की सीटों पर थे, वही किसी तरह बाहर निकल पाए।”
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने कहा,
“आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बस हादसे से अत्यंत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा

“कुरनूल में बस में आग लगने की घटना अत्यंत दुखद है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है।”
मुख्यमंत्री नायडू और विपक्ष की प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटनास्थल का जायजा लेने के निर्देश दिए और पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने ट्वीट किया,
“कुरनूल हादसा हृदयविदारक है। प्रशासन को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।”
वहीं, YSR कांग्रेस पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी दुख जताते हुए कहा कि राज्य सरकार को बस सुरक्षा और रात के यातायात पर सख्ती से निगरानी करनी चाहिए।
हादसे की वजह क्या थी?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस का ईंधन टैंक फटने से आग तेजी से फैली। टक्कर के बाद बाइक का पेट्रोल टैंक भी बस के नीचे फट गया, जिससे आग और भी भीषण हो गई।
जांच टीम यह भी देख रही है कि क्या बस के अंदर फायर एक्सटिंग्विशर या इमरजेंसी एग्जिट काम कर रहे थे या नहीं।
घटना के समय चालक और परिचालक ने किसी तरह बाहर निकलकर जान बचाई, लेकिन वे भी झुलस गए।
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर देश में बस सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। भारत में अधिकांश निजी ट्रैवल बसें लंबे रूट पर रात में चलती हैं, लेकिन उनमें फायर सेफ्टी उपकरणों की कमी आम बात है।
2013 में तेलंगाना के महबूबनगर में भी इसी तरह की एक बस दुर्घटना में 45 लोगों की मौत हो गई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बस में ऑटोमेटिक फायर सप्रेशन सिस्टम और सभी आपात द्वार कार्यरत होते, तो कई लोगों की जान बच सकती थी।
घटनास्थल और जांच की स्थिति
कुरनूल पुलिस ने बताया कि बस में करीब 41 लोग सवार थे। इनमें से 12 लोग बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि बाकी 29 की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
मृतकों के शवों को कुरनूल जिला अस्पताल भेजा गया है, जहां पोस्टमॉर्टम और पहचान प्रक्रिया जारी है।
फॉरेंसिक टीम आग के कारणों की तकनीकी जांच कर रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“हादसे में बस पूरी तरह खाक हो गई है। इसलिए यह पता लगाना मुश्किल है कि आग कितनी देर में फैली और क्या यात्रियों के पास निकलने का मौका था।”
भविष्य के लिए सबक
यह घटना एक बार फिर बताती है कि भारत में रात के समय बस यात्रा कितनी जोखिमभरी हो सकती है।
- यात्रियों को हमेशा यह देखना चाहिए कि बस में इमरजेंसी एक्जिट और फायर सिलेंडर हैं या नहीं।
- ट्रैवल ऑपरेटरों को सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
- राज्य सरकारों को सख्त नियमों के तहत प्रत्येक बस का निरीक्षण नियमित रूप से करना चाहिए।
निष्कर्ष
हैदराबाद-बेंगलुरु नेशनल हाईवे पर हुआ यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि देश के सार्वजनिक परिवहन सिस्टम के लिए एक चेतावनी संकेत है।
तकनीकी लापरवाही, सुरक्षा मानकों की अनदेखी और आपात स्थिति में तैयारी की कमी — इन सबका मिलाजुला परिणाम है यह त्रासदी।
सरकार को जहां पीड़ित परिवारों को न्याय और राहत देना जरूरी है, वहीं इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी कोई भी घटना न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाना समय की मांग है।










