भारत टैक्सी: देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा, दिसंबर से होगी लॉन्च — ओला-उबर को मिलेगी सीधी टक्कर

भारत सरकार दिसंबर 2025 में देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा “भारत टैक्सी” (Bharat Taxi) लॉन्च करने जा रही है। यह पहल सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) की साझेदारी से शुरू होगी। दिल्ली से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी, जिसमें लगभग 650 ड्राइवर शामिल होंगे। यह सेवा ओला-उबर जैसी निजी कंपनियों को टक्कर देगी और ड्राइवरों को सह-मालिक का दर्जा देगी। भारत टैक्सी का लक्ष्य है यात्रियों को सुरक्षित, पारदर्शी और ड्राइवर-केंद्रित सेवा प्रदान करना। ऐप दिसंबर में लॉन्च होगा और 2026 तक इसे देश के दस से अधिक शहरों में विस्तार देने की योजना है।

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भारत सरकार अब राइड-हेलिंग के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने जा रही है। देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा – “भारत टैक्सी” (Bharat Taxi) दिसंबर 2025 में लॉन्च होगी। यह पहल राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और सहकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की जा रही है, जिसमें देश की प्रमुख सहकारी संस्थाएँ जैसे IFFCOGCMMF (Amul)NCDC और KRIBHCO साझेदार हैं।

भारत टैक्सी: देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा

यह सेवा सहकारी मॉडल (Cooperative Model) पर आधारित होगी — यानी इसमें ड्राइवर सिर्फ कर्मचारी नहीं, बल्कि सह-मालिक (Co-owners) होंगे। इस मॉडल के ज़रिए सरकार का लक्ष्य है कि ड्राइवरों को उनके काम का पूरा लाभ मिले और यात्रियों को एक भरोसेमंद, सुरक्षित टैक्सी सेवा मिले।


पायलट लॉन्च दिल्ली से

भारत टैक्सी का पहला पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली में नवंबर 2025 में शुरू होगा।
स्रोतों के अनुसार, शुरुआती चरण में करीब 650 ड्राइवर इस परियोजना से जुड़ेंगे।
अगर सब कुछ सफल रहता है, तो दिसंबर 2025 में ऐप का देशव्यापी लॉन्च किया जाएगा।

भारत टैक्सी को लेकर यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह सेवा ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों को कड़ी टक्कर देगी। इन कंपनियों के खिलाफ लंबे समय से उच्च कमीशन, ड्राइवरों की आय में असमानता और सुरक्षा को लेकर शिकायतें सामने आती रही हैं। भारत टैक्सी इसी समस्या को हल करने का प्रयास है।

Press Information Bureau (PIB) 


साझेदारी और उद्देश्य

इस परियोजना के लिए सरकार ने भारत टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह पहल पूरी तरह “ड्राइवर-सेंट्रिक” है — यानी ड्राइवर ही मालिक होंगे, फैसले उन्हीं की भागीदारी से लिए जाएंगे, और किसी भी प्रकार का उच्च कमीशन प्लेटफॉर्म को नहीं देना होगा।

प्रधान उद्देश्य:

  1. ड्राइवरों को सम्मानजनक आय और स्वामित्व देना।
  2. यात्रियों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय राइड सुनिश्चित करना।
  3. भारतीय सहकारिता मॉडल को डिजिटल राइड-हेलिंग में स्थापित करना।

भारत टैक्सी ऐप — क्या होगा खास?

भारत टैक्सी का मोबाइल ऐप ओला और उबर की तरह ही काम करेगा।

  • ऐप को दिसंबर में Google Play Store और Apple App Store पर जारी किया जाएगा।
  • प्लेटफॉर्म को तकनीकी सहायता National e-Governance Division (NeGD) द्वारा दी जा रही है।
  • ऐप में सहकारी लॉगिन सिस्टमड्राइवर ऑनर डैशबोर्ड, और सीधे भुगतान की सुविधा (Direct Payout) जैसे फीचर होंगे।

हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यात्रियों को कौन-कौन से शहरों में यह सेवा कब उपलब्ध होगी, लेकिन शुरुआती लक्ष्य दिल्ली, मुंबई, पुणे और राजकोट जैसे बड़े शहर हैं।


महिला ड्राइवरों के लिए विशेष प्रोत्साहन

सहकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, महिला ड्राइवरों की भागीदारी इस योजना की प्राथमिकता होगी।

  • शुरुआती चरण में महिलाओं को मुफ्त प्रशिक्षण और सुरक्षा बीमा दिया जाएगा।
  • लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में हजारों महिला ड्राइवर इस नेटवर्क से जुड़ें।
  • सरकार चाहती है कि भारत टैक्सी देश में महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित यात्रा का प्रतीक बने।

ड्राइवरों की कमाई और लाभ मॉडल

भारत टैक्सी मॉडल में ड्राइवरों को राइड से मिलने वाला लगभग पूरा पैसा सीधे मिलेगा।

  • ड्राइवरों को सिर्फ नाममात्र का मेंटेनेंस चार्ज या सर्विस शुल्क देना होगा।
  • किसी भी तरह का “कमीशन कट” या “प्लेटफॉर्म फी” नहीं होगा।
  • सभी भुगतान डायरेक्ट ट्रांसफर (UPI या बैंक) के ज़रिए होंगे।

इस मॉडल के तहत ड्राइवरों की मासिक आय में 20–30% तक बढ़ोतरी की उम्मीद है।


भविष्य की योजना और विस्तार

सहकारिता मंत्रालय के अनुसार, भारत टैक्सी को 2026 तक कम-से-कम 10 शहरों में लॉन्च किया जाएगा।
आगे चलकर इसका विस्तार 20 प्रमुख शहरों और जिलों तक करने की योजना है।
2027–2028 तक यह सेवा 50,000 से अधिक ड्राइवरों तक पहुँचाने का लक्ष्य रखती है।

इस प्लेटफॉर्म को FASTag और National Common Mobility Card (NCMC) से भी जोड़ा जाएगा ताकि कैब पेमेंट और हाईवे टोल दोनों आसान बन सकें।


सरकार की मंशा: “सहकार से समृद्धि”

यह पहल सरकार की “सहकार से समृद्धि” (Prosperity through Cooperation) नीति के अनुरूप है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि भारत में सहकारी संस्थाएँ अब केवल कृषि या डेयरी तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि डिजिटल और सर्विस सेक्टर में भी अपनी मजबूत पहचान बनाएंगी।

भारत टैक्सी को इसी दिशा में एक “मॉडल परियोजना” माना जा रहा है जो भारत की लोकल इकोनॉमी, रोजगार और डिजिटल ट्रांसपोर्ट सेक्टर — तीनों को मजबूत करेगी।


निष्कर्ष

भारत टैक्सी सिर्फ एक राइड-हेलिंग ऐप नहीं, बल्कि ड्राइवर-सशक्तिकरण आंदोलन है।
यह सेवा निजी कंपनियों के एकाधिकार को चुनौती देगी, ड्राइवरों को स्वामित्व देगी और यात्रियों को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित विकल्प प्रदान करेगी।

अगर यह योजना सफल रही, तो भारत टैक्सी आने वाले वर्षों में भारतीय परिवहन व्यवस्था की नई पहचान बन सकती है।

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Gayathri

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