बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान, IMD की चेतावनी — मछुआरों को समंदर में न जाने की सलाह

भारत मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे गहरे दबाव को लेकर चेतावनी जारी की है, जो जल्द ही चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। विभाग ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यानम और ओडिशा तटों के मछुआरों से बुधवार तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है। आने वाले दिनों में इन तटीय राज्यों के साथ-साथ केरल, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की संभावना है। वैज्ञानिकों के अनुसार, खाड़ी का बढ़ता तापमान और नमी इस तूफान को ताकत दे रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

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भारत मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में एक गहरा दबाव (Deep Depression) बन गया है, जो जल्द ही चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, यह दबाव सोमवार तक दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में जाकर और तेज़ हो जाएगा। मंगलवार सुबह तक इसके गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) बनने की संभावना है।

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह

IMD ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यानम और ओडिशा के तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरों से कहा है कि वे बुधवार तक समुद्र में न जाएं
जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौट आने की सलाह दी गई है, क्योंकि अगले कुछ दिनों में समुद्र बहुत उग्र हो सकता है।

किन राज्यों में होगी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है —

  • आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश
  • तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी बारिश
  • केरल, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाकों में भी बारिश की संभावना
  • साथ ही छत्तीसगढ़, तेलंगाना और रेयालसीमा में अगले 2–3 दिन तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक हो सकती है।

Source – बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान

अब समझिए: बंगाल की खाड़ी में ही क्यों बनते हैं ज़्यादा चक्रवात?

भारत के दोनों तरफ दो बड़े समुद्र हैं — बंगाल की खाड़ी और अरब सागर। लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि ज़्यादातर चक्रवात बंगाल की खाड़ी में ही बनते हैं? इसके पीछे कई भौगोलिक कारण हैं

1. गर्म पानी और नमी

चक्रवात बनने के लिए समुद्र का पानी गर्म (कम से कम 27°C) होना जरूरी है। बंगाल की खाड़ी में पानी का तापमान 29-30°C तक पहुंच जाता है।
जब पानी गर्म होता है तो उससे भाप उठती है, जो हवा में नमी बढ़ाती है। यही नमी ऊपर जाकर ठंडी होती है और चक्रवाती बादलों का रूप ले लेती है।

2. चारों तरफ से घिरा समुद्री क्षेत्र

बंगाल की खाड़ी तीन तरफ से जमीन से घिरी है — भारत, म्यांमार और थाईलैंड की दिशा से। इस वजह से वहां की हवा घूमकर आसानी से एक जगह इकट्ठी होती है और “भंवर” जैसी स्थिति बना देती है। इससे चक्रवात बनना आसान हो जाता है।

3. कई बड़ी नदियों का पानी

गंगा, ब्रह्मपुत्र और इरावदी जैसी नदियाँ बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं। इन नदियों का मीठा और गर्म पानी ऊपर एक परत बनाता है। यह परत समुद्र के गहरे हिस्से से ठंडी हवा को ऊपर नहीं आने देती। इससे सतह का तापमान और बढ़ता है — और चक्रवात को ऊर्जा मिलती है।

4. मानसूनी हवाओं का असर

बंगाल की खाड़ी पर दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्व दोनों तरह की मानसूनी हवाओं का असर होता है। ये हवाएँ समुद्र से लगातार नमी लाती हैं और मौसम को अस्थिर बना देती हैं। इसी से चक्रवात के बनने के लिए आदर्श स्थिति बनती है।

5. जलवायु परिवर्तन (Climate Change)

वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में समुद्र का तापमान बढ़ा है। इससे चक्रवात पहले की तुलना में ज़्यादा तेज़ और खतरनाक हो रहे हैं। पहले जहाँ एक मौसम में 1–2 बड़े चक्रवात बनते थे, अब उनकी संख्या बढ़ गई है।


अभी क्या स्थिति है?

IMD के अनुसार, फिलहाल चक्रवात दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहा है।
अगले 24 घंटे में यह तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की दिशा में बढ़ेगा।
इसके असर से मंगलवार तक तटीय इलाकों में तेज़ हवाएँ (70–90 किमी/घंटा) चल सकती हैं और समुद्र की लहरें ऊँची उठ सकती हैं।

सरकार ने तटीय राज्यों के जिला प्रशासन को तैयार रहने को कहा है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) की टीमें भी अलर्ट पर हैं।
लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल IMD की आधिकारिक अपडेट ही देखें।


क्या करें और क्या न करें

✅ मछुआरे तुरंत समुद्र से लौट आएं
✅ तटवर्ती लोग अपने घरों की छतों और बिजली के तारों की जांच करें
✅ जरूरी दवाइयाँ और सूखा राशन पहले से रखें
✅ बिजली या मोबाइल नेटवर्क बंद होने की स्थिति में रेडियो या सरकारी अलर्ट पर भरोसा करें

❌ समुद्र के किनारे घूमने या सेल्फी लेने न जाएं
❌ तेज़ हवा और बारिश में बाहर निकलने से बचें


निष्कर्ष

बंगाल की खाड़ी का गर्म पानी, नमी और हवा की दिशा – ये सब मिलकर चक्रवात बनने में अहम भूमिका निभाते हैं।
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी की है, इसलिए सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
यह प्राकृतिक घटना है, लेकिन समय पर तैयारी से हम इसका नुकसान कम कर सकते हैं।


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Gayathri

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