भारत सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देने वाला कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से घोषणा की कि जल्द ही जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़ा सुधार किया जाएगा। इसे ‘जीएसटी 2.0’ या ‘नेक्स्ट जेन जीएसटी’ कहा जा रहा है।
इस सुधार से रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें, इलेक्ट्रॉनिक सामान और निर्माण सामग्री 7% से 10% तक सस्ती हो सकती हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम टैक्स प्रणाली को आसान, पारदर्शी और संतुलित बनाने के लिए उठाया गया है।

Next-Generation GST reforms को Diwali तक लागू करने की योजना की घोषणा, साथ ही “Diwali gift” के रूप में इसे परिभाषित किया गया है। Press Information Bureau
अभी जीएसटी स्लैब और आगे क्या होगा?
- वर्तमान में जीएसटी के 4 स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%
- सुधार के बाद सिर्फ 2 स्लैब रहेंगे: 5% और 18%
- 12% स्लैब में आने वाले ज्यादातर सामान 5% पर आ जाएंगे → यानी करीब 7% सस्ते
- 28% स्लैब में आने वाले 90% सामान 18% पर आ जाएंगे → यानी करीब 10% सस्ते

किन चीज़ों पर सीधे असर होगा?
12% से 5% – यानी 7% सस्ते
- सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल
- दवाइयां, वैक्सीन, टेस्ट किट
- प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां
- प्रेशर कुकर, गीजर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर
- 1000 रु. से ऊपर के रेडीमेड कपड़े और जूते
- साइकिल, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब
- कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन
28% से 18% – यानी 10% सस्ते
- सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट
- टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर
- ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट
- प्लास्टिक प्रोडक्ट, टायर, एल्युमिनियम फॉयल
- प्रिंटर, रेज़र, टेम्पर्ड ग्लास
👉 उदाहरण:
- 40,000 रु. का फ्रिज → 4,000 रु. सस्ता
- 80,000 रु. की टीवी → 8,000 रु. सस्ती
- 350 रु. की सीमेंट बोरी → 28 रु. सस्ती
बीमा और टैक्स रिटर्न में राहत
- स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% या 0% किया जा सकता है → प्रीमियम सस्ता होगा
- जीएसटी रिफंड प्रक्रिया अब ऑटोमैटिक होगी → आयकर रिटर्न जितनी आसान
- छोटे कारोबारियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्री-फिल्ड रिटर्न
टेक्सटाइल और किसान हित में बदलाव
- कपड़े और जूतों पर इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर ठीक होगा → लागत घटेगी
- खाद (फर्टिलाइज़र) पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो सकता है → किसानों को राहत
लग्ज़री और हानिकारक सामान पर नया टैक्स
- अभी लग्ज़री वस्तुओं पर 204% तक का कंपनसेशन सेस लगता है
- इसे खत्म करके 40% का नया टैक्स सिर्फ चुनिंदा सामानों (जैसे तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग) पर लगेगा
आगे का रास्ता
- यह प्रस्ताव राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह (GoM) को भेजा गया है
- सितंबर की जीएसटी काउंसिल बैठक में इस पर अंतिम फैसला होगा
- वित्त मंत्रालय का लक्ष्य है कि इस वित्त वर्ष में ही आम जनता को राहत मिले
आम जनता के लिए इसका मतलब
- ज़रूरी और रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती → सीधा फायदा आम आदमी को
- इलेक्ट्रॉनिक्स और कंस्ट्रक्शन सामग्री सस्ती → घर बनाने और सामान खरीदने में राहत
- बीमा सस्ता → ज़्यादा लोग हेल्थ और लाइफ कवर ले पाएंगे
- बिज़नेस आसान → छोटे व्यापारियों को कम टैक्स बोझ और आसान रिटर्न
निष्कर्ष:
जीएसटी 2.0 सिर्फ टैक्स दरों का बदलाव नहीं है, बल्कि इसे आम जनता की जेब, व्यापारियों की सुविधा और देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर लाया जा रहा है। अगर यह बदलाव लागू होता है तो दिवाली से पहले महंगाई पर बड़ी राहत मिलेगी।