भारत ने 4 चीनी उत्पादों पर लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क Expalined Anti dumping.

भारत ने चीन पर कास दिया है एंटी-डंपिंग शुल्क , क्या होता है एंटी-डंपिंग शुल्क , कोन लगता है एंटी-डंपिंग शुल्क , पूरी पोस्ट को पढे अधिक जानकारी के लिए ।

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घरेलू उद्योग को मिलेगा सस्ते आयात से राहत ,भारत सरकार ने देश की घरेलू कंपनियों को सस्ते विदेशी माल से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब चीन सहित कई देशों से आने वाले चार बड़े उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल लगाया गया है। यह शुल्क 5 साल तक लागू रहेगा। सरकार का कहना है कि सस्ते आयात से भारत के उद्योगों को नुकसान हो रहा था।

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August 24, 2023

भारत ने 4 चीनी उत्पादों पर लगाया एंटी-डंपिंग शुल्क Expalined Anti dumping.

एंटी-डंपिंग शुल्क क्या होता है?

जब कोई देश किसी प्रोडक्ट को बहुत कम कीमत पर किसी अन्य देश में बेचता है, जिससे वहाँ के स्थानीय उद्योग को नुकसान होता है, तो उस सस्ते आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया जाता है। इसका मकसद अपने देश के उद्योगों को बचाना होता है।


किन उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगा?

भारत ने 4 प्रमुख उत्पादों पर यह शुल्क लगाया है। देखिए लिस्ट

उत्पाद का नामकहां होता है इस्तेमालशुल्क कितने समय तक लागू रहेगाशुल्क दर/राशिआयातित देश
सॉफ्ट फेराइट कोरइलेक्ट्रिक वाहन, चार्जर, टेलीकॉम5 साल35% अतिरिक्त शुल्कचीन
वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्कहॉट/कोल्ड पानी की बोतलें5 साल$1,732 प्रति टनचीन
ट्राइक्लोरोइसोसायन्यूरिक एसिडस्विमिंग पूल, सैनिटाइजर आदि5 सालतय दर नहीं बताई गईचीन
पीवीसी पेस्ट रेजिन (PVC Paste Resin)प्लास्टिक प्रोडक्ट, सिंथेटिक चमड़ा5 साल$89 से $707 प्रति टन तकचीन, कोरिया, मलेशिया, नॉर्वे, ताइवान, थाईलैंड

➤ इन शुल्कों से क्या फायदा होगा?

✅ भारत के स्थानीय उद्योगों को बराबरी का मौका मिलेगा।
सस्ते चीनी प्रोडक्ट्स से हो रहे नुकसान को रोका जाएगा।
✅ भारत में नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं क्योंकि कंपनियां खुद बनाएंगी।
✅ भारत में इंडस्ट्री की ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।


आसान भाषा में समझें:

👉 चीन और कुछ देशों से ये प्रोडक्ट भारत में बहुत सस्ते आ रहे थे।
👉 भारतीय कंपनियां कंपीट नहीं कर पा रहीं थीं।
👉 अब इन सस्ते प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त टैक्स (एंटी-डंपिंग शुल्क) लगेगा।
👉 इससे भारतीय कंपनियों के लिए बाजार सुरक्षित होगा।


➤ सामान्य ज्ञान (GK Point):

🔸 भारत में एंटी-डंपिंग शुल्क की सिफारिश डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) करता है।
🔸 एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने का अधिकार सीबीआईसी (CBIC) के पास होता है।
🔸 यह शुल्क वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियमों के तहत ही लगाया जाता है।
🔸 पहली बार भारत में 1992 में एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया गया था।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. एंटी-डंपिंग शुल्क क्या होता है?
👉 यह एक प्रकार का टैक्स है जो किसी देश द्वारा किसी विदेशी सामान पर लगाया जाता है, जब वह सस्ते दामों में बिककर घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचाता है।

Q2. भारत ने किन देशों पर शुल्क लगाया है?
👉 चीन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, नॉर्वे, ताइवान और थाईलैंड से आने वाले उत्पादों पर।

Q3. शुल्क कितने साल तक लागू रहेगा?
👉 5 वर्षों तक।

Q4. क्या इससे भारत में प्रोडक्ट महंगे होंगे?
👉 हो सकता है कुछ प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ें, लेकिन इससे भारतीय कंपनियों को फायदा मिलेगा और रोज़गार भी बढ़ेगा।


➤ निष्कर्ष

भारत सरकार ने घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाया है। चीन और अन्य देशों से सस्ते आयात को रोकने के लिए एंटी-डंपिंग शुल्क से भारतीय उत्पादक कंपनियों को राहत मिलेगी। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूत करेगा।


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September 6, 2023
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Mahesh Rao

महेश एक सिविल सेवा विद्यार्थी हैं, जो सरकारी जॉब्स और यूपीएससी परीक्षा के बारे में लिखने में रुचि रखते हैं।
उन्होंने बी.कॉम (ऑनर्स) और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एम.ए. किया है। महेश ने दो बार यूपीएससी के मेन्स परीक्षा लिखी है और अपनी पढ़ाई, तैयारी के अनुभवों, और सरकारी सेवाओं, Gov jobs पर लिखते रहते हैं।
उनका लेखन मुख्य रूप से सिविल सेवा की तैयारी और सरकारी नीतियों पर होता है। महेश के लेख कई शैक्षिक प्लेटफार्मों और ब्लॉग्स पर प्रकाशित होते हैं, जहां वह अपनी जानकारी और अनुभव साझा करते हैं।

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