
क्या कहा सत्य नडेला ने?
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने एक इंटरनल टाउनहॉल मीटिंग में बताया कि कंपनी द्वारा की गई छंटनियाँ कर्मचारियों के परफॉर्मेंस की वजह से नहीं थीं। असल वजह थी कंपनी का एआई-केंद्रित भविष्य के लिए खुद को दोबारा संगठित करना।
उनके मुताबिक, कंपनी को अब उन क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ना है जहां भविष्य की टेक्नोलॉजी तय हो रही है — खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और Copilot जैसे स्मार्ट टूल्स के ज़रिए।
AI और कोपायलट पर भारी निवेश
माइक्रोसॉफ्ट इस साल अकेले एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में $80 बिलियन का निवेश करने की योजना में है। इसका मकसद है अपने कोपायलट एआई असिस्टेंट को विंडोज, ऑफिस, और अन्य सर्विसेज़ में और बेहतर तरीके से इंटीग्रेट करना।
नडेला ने यह भी कहा कि सिर्फ AI टूल्स बनाना ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों को इस बदलाव के लिए स्किल्ड बनाना भी ज़रूरी है।
भारत में भी बड़ा निवेश
भारत को माइक्रोसॉफ्ट एक बड़े मार्केट के रूप में देख रहा है। कंपनी यहां $3 बिलियन निवेश कर रही है और 1 करोड़ लोगों को एआई स्किल्स में ट्रेन करने का लक्ष्य रखती है। यह कदम भारत के डिजिटल भविष्य को मजबूत करने की दिशा में है।
क्या कोडिंग अब अप्रासंगिक है?
कुछ लोगों में यह धारणा बनने लगी थी कि एआई के आने से कोडिंग और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई अब बेकार हो जाएगी। इस पर माइक्रोसॉफ्ट की चीफ़ प्रोडक्ट ऑफिसर अपर्णा चेन्नाप्रगदा ने साफ़ कहा कि यह एक “गलतफहमी” है। कोडिंग अब भी ज़रूरी है, और टेक्नोलॉजी में करियर बनाने वालों के लिए भविष्य उज्ज्वल है।
निष्कर्ष
माइक्रोसॉफ्ट की यह छंटनी, हालांकि दिखने में नकारात्मक लग सकती है, लेकिन इसका मकसद कंपनी को भविष्य के लिए तैयार करना है। सत्य नडेला का यह कदम बताता है कि वह टेक्नोलॉजी की अगली पीढ़ी — खासकर एआई — में कंपनी को लीडर बनाना चाहते हैं।