संघर्ष हौसले पर शायरी | संघर्ष हौसला पर शायरी रेख़्ता 1-2 Lines.

ज़िंदगी कभी सीधी सड़क नहीं होती भाई…कभी ये पहाड़ जैसा ऊँचा लगता है, तो कभी रेगिस्तान जैसा सूखा। सोच, एक इंसान पहाड़ चढ़ रहा है — रास्ता फिसलन भरा है, सांसें भारी हो रही हैं, लेकिन उसके कदम नहीं रुकते।…