इस्लामाबाद : हाल ही में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा एक यात्री ट्रेन पर किए गए हमले ने पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इस हमले में 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि पाकिस्तानी सेना के साथ मुठभेड़ में 33 विद्रोही भी मारे गए। यह घटना बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन को फिर से सुर्खियों में ले आई है।
aljazeera.com के रिपोर्ट के अनुसार 190 hostages को rescued किया गया ।

बलूचिस्तान क्यों चाहता है पाकिस्तान से अलग होना?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो खनिज संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन यहाँ की जनता खुद को उपेक्षित महसूस करती है। बलूच अलगाववादी गुटों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार उनके संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय विकास पर ध्यान नहीं दे रही।
🔹 खनिज संपदा: बलूचिस्तान में सोना, तांबा, कोयला, जिंक और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं।
🔹 आर्थिक उपेक्षा: बलूच नेता दावा करते हैं कि इस क्षेत्र से प्राप्त राजस्व का लाभ बलूचिस्तान को नहीं मिलता।
🔹 सांस्कृतिक और राजनीतिक भेदभाव: बलूच समुदाय का कहना है कि उन्हें प्रशासनिक और राजनीतिक निर्णयों में उचित भागीदारी नहीं दी जाती।

इतिहास: आज़ादी से संघर्ष तक
1947: जब बलूचिस्तान ने खुद को आज़ाद घोषित किया
जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तब बलूचिस्तान के कई हिस्सों को एक अलग देश घोषित किया गया था। हालांकि, बाद में पाकिस्तान ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
➡ 15 अगस्त 1947: बलूचिस्तान के कलात राज्य ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
➡ मार्च 1948: पाकिस्तान ने बलूच नेताओं पर दबाव बनाकर इस क्षेत्र का अपने साथ विलय कर लिया।
➡ 1950-70: बलूचिस्तान में कई बार अलगाववादी विद्रोह हुए, जिन्हें पाकिस्तानी सेना ने दबा दिया।
➡ 1970-2025: बलूच आंदोलन कई बार उभरा, लेकिन पाकिस्तान की कड़ी कार्रवाई के कारण बड़े स्तर पर सफल नहीं हो सका।

हालिया घटनाक्रम और पाकिस्तान के लिए खतरा
हाल के वर्षों में बलूच विद्रोही संगठनों की गतिविधियों में तेजी आई है। कई रिपोर्टों के अनुसार, इन संगठनों ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर हमले किए हैं, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।
🔹 BLA और BLF की गतिविधियाँ: पाकिस्तानी सेना और सरकारी इमारतों पर लगातार हमले।
🔹 मानवाधिकारों का मुद्दा: पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर बलूच लोगों के दमन के आरोप।
🔹 अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: भारत, अमेरिका और अन्य देशों की कड़ी नजर, लेकिन कोई स्पष्ट समर्थन नहीं।

बलूच संघर्ष का भविष्य क्या है?
पाकिस्तानी सरकार बलूच विद्रोहियों को सख्ती से दबाने की रणनीति अपना रही है, लेकिन बलूच आंदोलन समय के साथ और मजबूत होता जा रहा है। अगर इस समस्या का राजनीतिक समाधान नहीं निकाला गया, तो आने वाले वर्षों में यह संघर्ष और भयंकर रूप ले सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
❓ बलूचिस्तान का स्वतंत्रता संघर्ष कब शुरू हुआ?
✅ यह संघर्ष 1947 में पाकिस्तान बनने के समय से ही जारी है।
❓ BLA और BLF क्या हैं?
✅ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए सशस्त्र विद्रोह कर रहे संगठन हैं।
❓ बलूचिस्तान में क्या प्राकृतिक संसाधन हैं?
✅ यहाँ सोना, तांबा, कोयला, जिंक, गैस और कई अन्य खनिजों के विशाल भंडार हैं।
❓ क्या बलूचिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है?
✅ अभी तक कोई बड़ा देश खुलकर बलूच आंदोलन का समर्थन नहीं कर रहा, लेकिन कई देश इस पर नजर बनाए हुए हैं।
निष्कर्ष
बलूचिस्तान का स्वतंत्रता संघर्ष पाकिस्तान के लिए लगातार बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इस क्षेत्र की अस्थिरता न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। इस संकट को हल करने के लिए पाकिस्तान सरकार को राजनीतिक समाधान निकालने की जरूरत है, अन्यथा आने वाले समय में यह और विकराल रूप ले सकता है।